माधो सिंह भण्डारी सहकारी सामूहिक खेती योजना
लाभार्थी:
1. सहकारी समिति एवं समिति सदस्य। 2. योजना के माध्यम से वृृहद स्तर पर उत्पादन, संग्रहण एवं तैयार उत्पादों को लाभकारी मूल्य पर बाजार में उतार कर किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलवाकर उनके जीवन निर्वाह स्तर में बदलाव
लाभ:
1.उत्तराखण्ड के प्रत्येक ब्लॉक में दोहराने लायक एक सामूहिक सहकारी एकीकृत कृशि मॉडल की स्थापना। 2. बंजर एवं खाली पड़ी भूमि को कृशि योग्य भूमि में बदलना। 3. सहकारी समितियों के माध्यम से सामूहिक कृृशि कलस्टर विकसित कर उत्पादन बढ़ाना एवं उत्पादित फसलों को उचित बाजार उपलब्ध कराना। 4.राज्य में रिवर्स माइग्रेषन को बढ़ावा देना। 5. एम. पैक्स को एक व्यावसायिक इकाई के तौर पर विकसित करना। 6. व्यावासायिक खेती के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों हेतु आजीविका के अवसर पैदा करना। 7. उन्नत कृशि तकनीकों और आधुनिक कृशि कार्य पद्धतियों के माध्यम से सब्जियों, मोटे अनाजों, दालों, फलों, मषरूम, जड़ी-बूटियों, चारा फसलों आदि के उत्पादन को बढ़ावा देना। 8.सी.सी.एफ. मॉडल के अन्तर्गत कृशि पर्यटन को बढ़ावा देना। 9.आस-पास के क्षेत्र में कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलना जैसे कृषि, पर्यटन, डेयरी आदि। 10.परियोजना क्रियान्वयन के दौरान अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से रोजगार सृजन।
आवेदन कैसे करें
1. सहकारी समिति एवं समिति सदस्य।
2. योजना के माध्यम से वृृहद स्तर पर उत्पादन, संग्रहण एवं तैयार उत्पादों को लाभकारी मूल्य पर बाजार में उतार कर किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलवाकर उनके जीवन निर्वाह स्तर में बदलाव