राज्य स्तरीय कार्यशाला में सहकारिता मॉडल पर जोर, उत्तराखंड में एफपीओ को सशक्त करने की पहल
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के परिप्रेक्ष्य में उत्तराखंड के कृषक उत्पादन संगठनों (FPOs) को सशक्त करने हेतु राज्य स्तरीय दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला सहकारी प्रबंध संस्थान (ICM) देहरादून के राजपुर स्थित केंद्र में आयोजित की गई, जिसमें राज्य भर से एफपीओ संचालक, सीईओ एवं अन्य कार्मिकों ने भाग लिया।
कार्यशाला का प्रारम्भ हॉर्टिफेड के प्रबंध निदेशक श्री मंगला प्रसाद त्रिपाठी द्वारा किया गया। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने कृषक उत्पादन संगठनों की वर्तमान संरचना, भूमिका एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। प्रथम सत्र में उन्होंने एफपीओ की भूमिका, संरचना एवं इसके माध्यम से किसानों को होने वाले लाभों की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एफपीओ किसानों को बाजार से जोड़ते हुए उन्हें सामूहिक शक्ति प्रदान करते हैं।
द्वितीय सत्र में नेतृत्व विकास एवं निर्णय प्रक्रिया की महत्ता पर चर्चा हुई। इस सत्र में श्री त्रिपाठी ने सहकारिता मॉडल को अपनाकर एफपीओ को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सहकारिता आधारित उत्पादक संगठन किसानों के लिए अधिक उपयोगी, टिकाऊ और लाभप्रद सिद्ध हो सकते हैं।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में आईसीएम के निदेशक श्री अनिल कुमार तिवारी ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने एफपीओ के सतत विकास हेतु तकनीकी सहयोग, प्रबंधन प्रशिक्षण और विपणन रणनीतियों पर विस्तृत जानकारी दी।
इस कार्यशाला में राज्यभर के विभिन्न कृषक उत्पादन संगठनों के प्रतिनिधियों, एफपीओ सीईओ, प्रबंधकों एवं कार्मिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता जताई।
कार्यशाला का उद्देश्य एफपीओ को सहकारिता के सिद्धांतों पर आधारित एक मजबूत ढांचे में रूपांतरित करना तथा किसानों को आत्मनिर्भर और संगठित बनाना है ।